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मात्र एक प्रतीक

मैं मात्र एक प्रतीक हूँ 
वर्तमान में सजीव हूँ
भ्रमरता के भरम में
खो गया  धरम में
उलझ कई वहम में
अहम् का अतीव हूँ 
मैं मात्र एक प्रतीक हूँ

आत्म मुग्ध स्वप्रभाव से
अकिंचन सा अभाव से
हीन दीन दबाब से
पथिक एक पतित हूँ
मैं मात्र एक प्रतीक हूँ

भौतिकता के कई चरण
ढोंगियों ने किये वरण
लाज कर  हरण
बन आधुनिक भी अतीव हूँ
मैं मात्र एक प्रतीक हूँ 

अंधी दौड़ से न हांफता
खुद से हीं मै भागता
बस सोच यही कांपता
भविष्य का अतीत हूँ
मैं मात्र एक प्रतीक हूँ

बदल जीने के मायने 
चला जीवन को मापने
खुद को रख सामने
उदाहरण एक सटीक हूँ 
मैं मात्र एक प्रतीक हूँ..

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1 comments:

Udan Tashtari said...

बढ़िया

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