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जीवन एक परीक्षा

इन टेढ़े - मेढें राहों से क्या घबराना
जब जीवन एक परीक्षा है
यहाँ सांसे मिलती
गिन - गिन कर
दिन भी मिलते
चुन - चुन कर
वो लाख कहे
कठपुतली तुझको
इंसा बन कर जीना है
तुझे इस बात की फिकर नहीं
यह भीख है या फिर भिक्षा है
इन टेढ़े - मेढें  राहों से क्या घबराना
जब जीवन एक परीक्षा है


आंधी आये या तुंफा 
चाहे बदले सारा जमाना
क्षण भंगुर इस दुनिया में 
तू खुद को अमिट बनाना
जीवन की धुन है ऐसी
चंद लम्हों के सपनो जैसी
जी ले आँखों के सब सपने
इसे मन्त्र कहो या दीक्षा है
इन टेढ़े - मेढ़े राहों से क्या घबराना
जब जीवन एक परीक्षा है


प्यार का मंतर फूंक
हमे यहाँ से जाना है
अगर जीते जी ना सही 
फिर मर  कर अलख जगाना है
ना कर तू अभिमान कभी
हैं कई जिस्म पर
एक जान सभी
दिल से दिल को जोड़ यंहा
यही जीवन की शिक्षा है
इन टेढ़े - मेढ़े राहों से क्या घबराना
जब जीवन एक परीक्षा है
 

तुझे इतिहास के पन्ने दे जगह
शब्द कहें तू किन सा था 
जब उठे अर्थी तेरी
लोग कहें क्या इंसा था
साधारण रह कर भी
असाधरण कुछ कर जाना
यही तेरी अंतिम इक्छा है
इन टेढ़े- मेढ़े राहों से क्या घबराना
जब जीवन एक परीक्षा है...

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3 comments:

शकील समर said...

दिल से दिल को जोड़ यंहा
यही जीवन की शिक्षा है
इन टेढ़े - मेढ़े राहों से क्या घबराना
जब जीवन एक परीक्षा है
zindagi ka falsafa saral shabdon main bata diya aapne ....... badhai.

पहाड़ी कन्या said...

very nice:)keep it up...

Jyoti Mishra said...

nicely expressed and beautifully summed up !!

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