खामोश
समंदर की गहराइयों में
अँधेरी
रातो की परछाइयों में
न जाने
हम क्या ढूंढते हैं
बिखरे
हैं ख्वाब मेरे
अधूरी
है जिन्दगी मेरी
इन बिखरे तिनकों में
न जाने
हम क्या ढूंढते हैं
आँखों में
है मंजिल मेरी
दिल में
कुछ अरमा मेरे
जिन्दगी की
इन
पथरीली राहों में
न जाने
हम क्या ढूंढते हैं
एक छोटा
सा सपना मेरा
न इस जहाँ
में कोई
अपना मेरा
शायद
अँधेरी इन
गलियों में
रोशन एक
दिया ढूंढते हैं
न जाने
हम क्या ढूंढते हैं.............
समंदर की गहराइयों में
अँधेरी
रातो की परछाइयों में
न जाने
हम क्या ढूंढते हैं
बिखरे
हैं ख्वाब मेरे
अधूरी
है जिन्दगी मेरी
इन बिखरे तिनकों में
न जाने
हम क्या ढूंढते हैं
आँखों में
है मंजिल मेरी
दिल में
कुछ अरमा मेरे
जिन्दगी की
इन
पथरीली राहों में
न जाने
हम क्या ढूंढते हैं
एक छोटा
सा सपना मेरा
न इस जहाँ
में कोई
अपना मेरा
शायद
अँधेरी इन
गलियों में
रोशन एक
दिया ढूंढते हैं
न जाने
हम क्या ढूंढते हैं.............
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